लखनऊ. व्हाट्सएप के बहुत से फायदें हैं, लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। व्हाट्सएप के साथ भी कुछ एेसा ही है। व्हाट्सएप से जुड़ा एक एेसा मामला सामने आया है जिससे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। मामला है लखनऊ का, जहां जिला जेल से पेशी पर आए बंदी साबिर अली कादरी को वकील के चैम्बर में छोड़ सिपाही विवेक व्हाटसएप पर चैटिंग करता रहा। तीन घंटे से अधिक वक्त गुजर गया। पर, सिपाही को बंदी की सुध नहीं आई। वहीं, चैम्बर से निकलने के बाद बंदी साथियों की मदद से भाग निकला। सिपाही को इस बात की भनक लगी तो वह परेशान हो गया। काफी देर तक तलाश करने के बाद उसने वजीरगंज कोतवाल को बंदी के भागने की सूचना दी। वहीं, लापरवाही बरतने पर एसएसप दीपक कुमार ने सिपाही को निलम्बित कर दिया।
"यह है पूरा मामला"
बुधवार की सुबह पुलिस लाइन में तैनात सिपाही विवेक जिला जेल से बंदी मो.साबिर अली कादरी को पेशी पर लेकर आया था। सुबह 11 बजे करीब उसे एसीजेएम कस्टम की कोर्ट में पेश किया गया। पेशी के बाद सिपाही बंदी को साथ लेकर वकील के चैम्बर में पहुंचा। साबिर को वकील के पास छोड़ने के लिए बाद सिपाही विवेक बेफ्रिक होकर चैम्बर से बाहर निकल गया।
"तीन घंटे बाद लगी सुध"
सिपाही मोबाइल पर व्हाटसएप चैट करने में लगा रहा। इस बीच साबिर चैम्बर से कब निकल कर साथियों संग भाग निकला सिपाही को इसकी भनक नहीं लगी। करीब तीन घंटे बाद सिपाही को बंदी की सुध आई। वह वकील के चैम्बर में पहुंचा। जहां पता चला कि साबिर काफी देर पहले ही जा चुका है। यह बात सुनते ही सिपाही के हाथ-पैर फूल गए। उसने साबिर को तलाशने के प्रयास किए। पर, कोई जानकारी नहीं लगी।
इंस्पेक्टर वजीरगंज पंकज कुमार सिंह के मुताबिक बंदी के भागने में सिपाही विवेक की लापरवाही सामने आई है। उन्होंने बताया कि लॉकअप प्रभारी देवानन्द पाण्डेय की तहरीर पर बंदी मो.साबिर अली कादरी व सिपाही विवेक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। वहीं, एसएसपी दीपक कुमार ने रिपोर्ट मिलने पर सिपाही विवेक को निलम्बित करते हुए विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।