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लालबागचा राजा के लिए उमड़ा ऐसा जनसैलाब, नम आंखों से हुई विदाई


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Thane:

 

मुंबई:‘गणपति बाप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ’ के नारों के बीच मंगलवार को भगवान गणेश को विदाई दी गई। लालबाग के राजा समेत सभी प्रमुख गणेशोत्सव मंडलों ने ढोल नगाड़ों के साथ बप्पा को अलविदा कहा। बप्पा को विदाई देने
के लिए हजारों लोगों का जनसैलाब सड़कों की दोनों तरफ मौजूद था। रात भर की यात्रा के बाद बुधवार की सुबह लालबाग के राजा का गिरगांव चौपाटी पर विसर्जन किया गया। 
 मुंबई मनपा से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की शाम छह बजे तक 330 सार्वजनिक, 9025 घरेलू, 63 गौरी प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा चुका था। गिरगांव चौपाटी समेत शहर के 119 स्थलों पर विसर्जन के इंतजाम किए गए थे।
 मुंबईकरों ने कृत्रिम तालाबों में भी 20 सार्वजनिक, 902 घरेलू और 15 गौरी की मूर्तियों का विसर्जन किया।
बॉलीवुड सेलिब्रिटीज
 गणेशोत्सव की धूमधाम के आखिरी दिन भक्तों ने लालबागचा राजा को नम आंखों से विदा कर दिया।
 विदाई करने लाखों की तादाद में लोग बप्पा को लेकर लालबाग से निकले, जो आधी रात तक गिरगांव चौपाटी पर विसर्जन करने गए।
 आखिर दिन सुबह से रात तक बच्चन परिवार से लेकर कपूर फैमिली समेत कई बॉलीवुड सेलिब्रिटीज भी बप्पा के दर्शन के लिए पहुंचे थे।
 लालबाग के अलावा मुंबई और महाराष्ट्र की दूसरी जगहों पर बड़े धूमधाम से गणेश जी को विसर्जन के लिए ले जाया गया।
5.3 करोड़ दान
 12 दिनों तक चले गणेशोत्‍सव के दौरान लालबागचा राजा के खजाने में दान का चढ़ावा चलता रहा। 
 बताया जा रहा है कि आयोजकों ने कैश की रकम को 5.3 करोड़ तक आंका है। 
 इसके साथ ही 5.5 किलोग्राम सोना और 71 किलो चांदी है जो भगवान हाथी पर चढ़ावा आया है।
 बीते साल बाप्पा के खजाने में 4 करोड़ की बढ़ोतरी हुई थी। मुंबई में महाराष्ट्र के अलावा देश के अन्य हिस्सों से भी श्रद्धालु राजा के दर्शन के लिए आते हैं।
मछुआरों का कोली नृत्य
 लाल बागचा राजा पंडाल की गणेश प्रतिमा के विसर्जन से पहले अनेक भक्तों ने यहां मछुआरों के पारंपरिक कोली नृत्य का प्रदर्शन किया।
 सोलापुर में भक्तों ने गणेश मूर्तियों को अपने घरों से निकाला और उन्हें यहां सिद्धेर झील में विसर्जित कर दिया।
 गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन गणेश उत्सव के अंत का प्रतीक है।
 बाल गंगाधर तिलक ने लोगों में देशभक्ति और ब्रिटिश राज से लड़ने का जज्बा पैदा करने और इसके लिए लोगों को एकजुट करने के लिए इस उत्सव का प्रारंभ किया था।