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कहानी उस औरत की जिसे 29 की उम्र में पता चला कि वह पुरुष है, नौकरी पर बनी आफत।


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Thane:

 

रत्नागिरी। जब उसका जन्म हुआ तो उसे लड़की समझा गया और एक लड़की की तरह ही उसका पालन पोषण किया गया. युवा होने पर महाराष्ट्र पुलिस में शामिल हो गई लेकिन वह वह दिन उसके लिए किसी कयामत से कम नहीं था जब डॉक्टर ने उसको बताया कि वह लड़की नहीं लड़का है. यकीन करना बेहद मुश्किल था और डॉक्टर ने कहा कि रीअसाइनमेंट सर्जरी करनी पड़ेगी.
मामला बहुत ज्यादा उलझ गया जब बात महाराष्ट्र पुलिस डिपार्टमेंट में पहुंची क्योंकि महिला और पुरुष दोनों को अलग अलग लाभ मिलते हैं. समस्या यह थी कि जिसका चयन पुलिस डिपार्टमेंट में एक महिला के रूप में हुआ है उसे पुलिस वाले लाभ वैसे दे दिए जाए. बात उलझ गई और आफत नोकरी पर आ गई. आज के जमाने में जहां नौकरी के लिए भगदड़ मची है ऐसे जवानी में भला इतनी मुश्किलों से मिली नौकरी को कैसे छोड़ दिया जाए.
यह कहानी है ललिता साल्वे की जो महाराष्ट्र के बीड की रहने वाली है. जब 29 साल की उम्र में उसका चयन महिला कांस्टेबल के रूप में हुआ तब वह फूली नहीं समा रही थी. लेकिन जब मेडिकल हुआ तो उसके पैरों तले की जमीन खिसक गई. हालांकि मामला सुलझ गया है. महाराष्ट्र पुलिस ने मंजूरी दे दी और फिर शुरू हो गई कहानी कांस्टेबल ललिता से कांस्टेबल ललित बनने की. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस ने भी इसे गंभीर मामला माना है. उन्होंने ललिता की समस्या को समझा और उसकी इस मामले में सहायता की. 21 मई को सफलता पूर्वक सर्जरी कर दी गई. कोर्ट ने एक स्पेशल डॉक्टरों की टीम बनाई जिसमें काफी प्रसिद्ध डॉक्टर शामिल थे.
डॉ रजत कपूर ने बताया था कि अल्ट्रासाउंड के दौरान उनको पता चला की ललिता के शरीर में महिला प्रजनन अंग नहीं है. तो उन्होंने बताया कि करेक्शन सर्जरी ही इसका इलाज है. उसके अलावा ललिता के शरीर में पुरुष हार्मोन भी इंजेक्ट किए जाएंगे.